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आईपीएल ऑक्शन में बांग्लादेशी खिलाड़ियों को शामिल नहीं किए जाने पर पाकिस्तान के एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा है कि भारत ने मुहम्मद यूनुस सरकार को सबक सिखाया है. उन्होंने कहा कि यह भारत ने बांग्लादेश की सरकार को सबक सिखाया है कि वह जब मर्जी बांग्लादेश का बायकॉट कर दें और जब मर्जी निकाल दें और ये भारत सरकार फैसला करेगी कि बांग्लादेश के खिलाड़ियों को खेलना है या नहीं.
कमर चीमा ने कहा कि उन्होंने कहा, ‘थोड़ा साल पीछे चले जाइए. कुछ साल पहले पाकिस्तानी प्लेयर्स को आईपीएल में लेना बंद कर दिया गया था, क्यों, क्या पाकिस्तानी प्लेयर अच्छा नहीं खेल सकते, क्या वे अच्छे बैट्मैन या अच्छे बॉलर नहीं हैं, अच्छी फील्डिंग नहीं करते, क्या ग्लोबल रैंकिंग में नाम नहीं है, क्या वजह है?’
कमर चीमा ने इस पर भी चिंता जताई कि हो सकता है कि इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो सकती है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हवाले से भारत की तरफ की चीजें क्लियर नहीं हैं और पाकिस्तान की तकदीर का फैसला भारत कल करेगा. उन्होंने कहा कि सुनने में ये भी आता है कि भारत कह रहा है कि पाकिस्तान के ऊपर रोब डालो और कहो कि अगर तुमने हाइब्रिड मॉडल को फॉलो नहीं किया तो तुम चैंपियंस ट्रॉफी होस्ट करने के सारे राइट्स खो दोगे.’
कमर चीमा ने कहा कि भारत ने क्रिकेट और अपनी टीम को इस लेवल पर पहुंचाया है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने इंडिया की टीम से मुलाकात की है. कमर चीमा ने कहा, ‘इस वक्त इंडिया के पास तीन देश हैं, पाकिस्तान, बांग्लादेश और कनाडा, जिनके लिए इंडिया कह सकता है कि वहां माहौल ठीक नहीं है. भारत कहता है कि इन देशों में आतंकवाद, चरमपंथ, मिलिटेंट हैं. कनाडा में खालिस्तानी आंतकी हैं, ये भारत कहता है.’ उन्होंने कहा कि अगर वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष होते तो वह पाकिस्तान के लिए स्टैंड लेते और चीजें ठीक करते और जिस तरह पाकिस्तानी खिलाड़ी दूसरे देशों में खेलने जाते हैं, उसी तरह दूसरे देशों के खिलाड़ियों को भी बुलाते.
उन्होंने कहा कि वह अगर अध्यक्ष होते तो कहते कि पाकिस्तान का नेशनल इंटरेस्ट ये है कि पाकिस्तान बाकी देशों के बराबर है. अगर पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत जा सकती है तो भारत की क्रिकेट टीम को भी पाकिस्तान आना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीसीबी अध्यक्ष के तौर पर वह कहते हैं कि अगर पाकिस्तान की क्रिकेट टीम श्रीलंका, जिम्बाबवे जा सकती है वो क्यों नहीं आ सकते हैं. रही बात सिक्योरिटी की तो सिक्योरिटी देना हमारी जिम्मेदारी है. पहले भी दी है और आइंदा भी देंगे.
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