[ad_1]
Europe Visa Centre: बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट होने के बाद से भारत के साथ संबंधों में दरार पड़ गई है. हालिया घटनाओं के बाद से बांग्लादेश खुलकर भारत का विरोध कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें.
यह बात स्थानीय मीडिया में आई उन रिपोर्टों के कुछ दिनों बाद आई है, जिनमें कहा गया था कि ढाका आलू और प्याज जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों के आयात के लिए अन्य स्रोतों पर विचार कर रहा है. यूनुस ने ढाका के तेजगांव स्थित अपने कार्यालय में यूरोपीय देशों के राजनयिकों के साथ बैठक के दौरान यह अपील की. बैठक में ढाका और नई दिल्ली दोनों जगहों पर तैनात 19 से अधिक राजनयिक मौजूद थे.
यूनुस ने क्या लगाया आरोप?
उन्होंने मांग बढ़ने के लिए भारत के “वीजा प्रतिबंधों” को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर भारत के प्रतिबंधों ने कई छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है, जो यूरोपीय वीजा के लिए दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली बांग्लादेशी छात्रों से वंचित रह रहे हैं.
उन्होंने राजनयिकों से कहा, “वीजा कार्यालयों को ढाका या किसी नजदीकी देश में स्थानांतरित करने से बांग्लादेश और यूरोपीय संघ दोनों को लाभ होगा.” ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अधिकारियों ने बुल्गारिया का उदाहरण भी दिया, जिसने बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्र को पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम में ट्रांसफर कर दिया है.
राजनयिकों ने कहा कि वे ढाका की सुधार पहल का समर्थन करते हैं और नये बांग्लादेश के निर्माण में सलाह और सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का वादा करते हैं.
यूनुस ने यूरोप से मांगी मदद
यूनुस ने बांग्लादेश के बारे में “व्यापक गलत सूचना” पर भी बात की और इसका मुकाबला करने के लिए यूरोपीय संघ से मदद मांगी. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर “देश को अस्थिर करने के लिए बड़ी मात्रा में धन शोधन” का भी आरोप लगाया. यूनुस ने बांग्लादेश में सभी राजनीतिक दलों और धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का भी दावा किया.
भारत ने बांग्लादेश से किया ये वादा
इस बीच, बांग्लादेश ने सोमवार को कहा कि भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है. यह बयान मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के ठीक बाद आया है. पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने संवाददाताओं से कहा कि मिस्री ने बांग्लादेशी पक्ष से वादा किया है कि वह कदम उठाएंगे.
मौजूदा समय में भारत बांग्लादेशियों को सीमित वीजा दे रहा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वे चिकित्सा और अन्य जरूरी कारणों से सीमित वीजा दे रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पिछले महीने कहा था, “हम पहले से ही चिकित्सा वीजा और आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए वीजा जारी कर रहे हैं. एक बार जब कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो जाता है और स्थिति सामान्य वीजा परिचालन (बांग्लादेश में) को फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल हो जाती है, तो हम ऐसा करेंगे.”
ये भी पढ़ें: भारत को एक और बड़ा झटका देने की फिराक में है बांग्लादेश! कर ली ये ‘बम’ फोड़ने की तैयारी
[ad_2]
Source link