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Prayagraj UPPSC Student Protest: प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर छात्र यूपीपीएससी प्री एग्जाम नार्मलाइजेशन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जिस पर गुरुवार (14 नवंबर) को लोक सेवा आयोग ने अपना फैसला पलटते हुए इसके विश्लेषण और जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में छात्रों की मांग का संज्ञान लिया और आयोग को एक दिन में PCS प्रारंभिक परीक्षा 2024 के संबंध में छात्रों से संवाद और समन्वय कर आवश्यक निर्णय लेने को कहा.
हालांकि आज यानी गुरुवार को आयोग के फैसले के बाद भी छात्र आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने RO और ARO परीक्षा को लेकर किए गए फैसले पर नाखुशी जाहिर की है. नाराज छात्रों का कहना है कि वह बार- बार धरना देने नहीं आएंगे, उन्हें पूरा न्याय चाहिए.
‘कमेटी गठित कर टरकाने का इरादा’
नाराज छात्र यूपीपीएससी के तहत आयोजित होने वाले RO और ARO परीक्षा को भी ‘One Day One Shift’ की मांग को लेकर धरना स्थल पर डटे हुए हैं. छात्रों का कहना कि सरकार कमेटी गठित सिर्फ उन्हें टरकाना चाहती है.
प्रदर्शन में शामिल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का कहना है कि आयोग कोई भी परीक्षा कराए तो उसे ‘One Day One Shift’ में आयोजित की जाए. ऐसे में जब तक उन्हें इस बात का आश्वासन नहीं मिल जाता है, तब वह नहीं मानने वाले हैं.
जांच के लिए समिति गठित
दरअसल, मामले को तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर यूपीपीएससी ने प्री एग्जाम 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है. बीते कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग पर आयोग ने यह फैसला लिया हैं. जिससे लाखों अभ्यर्थियों को राहत मिली है.
इसके अलावा आयोग RO और ARO परीक्षा 2023 की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठित की है. चयन परीक्षाओं की शुचिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आयोग ने यह कदम उठाए हैं. यह समिति सभी पहलुओं की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. हालांकि आयोग के इस फैसले के बावजूद छात्र का संशय बरकरार है और वह अपनी कुछ मांगों लेकर अड़े हुए हैं.
यूपी PCS और RO/ARO परीक्षा को लेकर आयोग का नोटिस जारी
यूपी PCS और RO/ARO परीक्षा को लेकर आयोग की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि विगत कुछ महीनों से देश के विभिन्न हिस्सों में चयन परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने आए थे, जिसमें विभित्र संस्थानों की संलिप्तता पाई गई थी. इसे ध्यान में रखकर चयन परीक्षाओं की सुचिता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विगत दिनों प्रदेश में 5 लाख से अधिक अभ्यर्थियों की संख्या वाली चयन परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की अपेक्षा राज्य सरकार ने की थी, जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आवश्यक कार्यवाही शुरू की गई.
इसी उद्देश्य के साथ उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आगामी दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 एवं समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी आदि (प्रा.)परीक्षा-2023 को भी एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की गई थी.पिछले कुछ दिनों से कुछ छालों द्वारा की जा रही मांग का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया और मुख्यमंत्री ने आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने को कहा. इस पर आयोग ने छात्रों से संवाद बनाकर सम्यक रूप से यह निर्णय लिया.
मुख्यमंत्री की पहल पर आयोग पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को पूर्व की भांति एक दिवस में कराए जाने का निर्णय लिया गया है. इसी प्रकार समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी आदि (प्रा.) परीक्षा-2023 को पारदर्शी, गुणधर्मिता एवं शुचितापूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये जाने के उद्देश्य से सारे तथ्यों का समेकित अनुसंधान एवं विश्लेषण करने हेतु आयोग द्वारा समिति का गठन किया गया है, जो सभी पहलुओं पर विचार कर अतिशीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
सरकार को अपनी कमियों के कारण से झुकना पड़ा- अजय राय
UPPSC परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार द्वारा फैसले में बदवाल पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “ये सरकार की विफलता है, उनके द्वारा बनाए गए आयोग विफल हैं. सरकार को अपनी कमियों के कारण से झुकना पड़ा. मैं नौजवान साथियों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उनकी एकता और मजबूती ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया.”
हम छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं- डिंपल यादव
वहीं UPPSC परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “हम छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं, छात्रों की मांग जायज है. सरकार को जिस प्रकार के फैसले लेने चाहिए थे सरकार उस पर आंख बंद करके बैठी रहती है.”
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