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Israel Hezbollah war ceasefire: इजरायली सेना ने लेबनान में ‘नॉर्दन एरो’ ऑपरेशन 1 अक्टूबर को शुरू किया. यह ऑपरेशन सीमित लक्ष्यों पर आधारित था, जिसमें हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसके लगभग 2 महीने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा है,जिस पर इजरायल और हिज्बुल्लाह दोनों ने इस पर सहमति जताई है. इजरायली मीडिया के मुताबिक सीजफायर एग्रीमेंट को बीते दिन सोमवार (25 नवंबर) को ही तैयार कर लिया गया है. इसके बाद आज (26 नवंबर) होने वाली इजरायली नेशनल सिक्योरिटी कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है. हालांकि, इजरायली सेना ने सीजफायर से पहले हिजबुल्लाह के सभी प्रमुख ठिकानों को नष्ट करने की कोशिश की.
इससे पहले इजरायली वायुसेना द्वारा किए गए लगातार एयर स्ट्राइक ने हिजबुल्लाह के हथियारों के भंडार और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह कर दिया गया. वहीं इजरायली रक्षा बल (IDF) ने इस ऑपरेशन में अपनी तकनीकी क्षमताओं का इस्तेमाल किया, जिसमें पेजर अटैक ने 3,000 से अधिक हिजबुल्लाह आतंकवादियों को निशाना बनाया. इस तकनीक ने इजरायल की रणनीति को भविष्य की सैन्य तकनीक का उदाहरण बना दिया.
हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया
सीजफायर की चर्चा शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट हमलों की तीव्रता घटा दी. सोमवार को केवल डबल डिजिट में रॉकेट दागे गए, जो इस शांति समझौते की दिशा में एक संकेत माना गया.
क्या होता है सीजफायर?
सीजफायर, जिसे हिंदी में युद्धविराम कहते हैं, सशस्त्र संघर्षों को रोकने का एक अस्थायी या स्थायी समझौता है. यह उन दो या अधिक पक्षों के बीच होता है जो युद्ध या सैन्य संघर्ष में शामिल हैं.
सीजफायर के मुख्य उद्देश्य:
मानवीय राहत प्रदान करना: संघर्ष क्षेत्र में फंसे आम नागरिकों को राहत और बचाव का मौका देना.
वार्ता का रास्ता खोलना: शांति समझौतों की संभावनाओं पर बातचीत करना.
अंतरराष्ट्रीय दबाव को संतुलित करना: संयुक्त राष्ट्र और अन्य शक्तियों के दबाव में संघर्ष को रोकना.
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